24 April Shukar Ast ... जानिए क्या करें क्या न करें

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जैसा कि हम जानते हैं कि जब कोई ग्रह सूर्य के प्रकाश घेरे में प्रवेश करता है तो वह अपना प्रकाश खो दिया करता है वह हमें दिखाई नहीं देता जिसे ज्योतिष में अस्त स्थिति के अंतर्गत स्वीकार किया जाता है। इसलिए शुक्र भी जब 10 डिग्री से कम दूरी पर सूर्य के समीप होता है तो अस्त हो जाता है। 24 अप्रैल को प्रातः 05:49 पर सूर्य के प्रभाव क्षेत्र में शुक्र प्रवेश करेंगे जिसके कारण शुक्र अस्त हो जायेंगे। गति थोड़ी सी ज्यादा होने के कारण उदय होने में समय लगेगा। क्योंकि शुक्र ने सूर्य से 20 अंश ज्यादा चलना है। फिर शुक्र 5 जुलाई को उदय होंगे। जिस का प्रभाव हमारे शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक शुभ कार्य पर दिखाई देगा क्योंकि शुक्र अस्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। अब हम विस्तार से जानेंगे कि आप क्या क्या कार्य कर सकते हैं और क्या क्या कार्य नहीं कर सकते।


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शुक्र अस्त में क्या नहीं होता:- शुक्र दैत्याचार्य होने से परम पूज्य कहें जातें हैं जैसा कि घर में बड़े बुजुर्ग के न होने से कोई बड़ा कार्य संपन्न नहीं होता ठीक उसी प्रकार शुक्र अस्त में भी कोई विवाह मुहूर्त नहीं निकाला जाता। नये घर में प्रवेश नहीं किया जाता। मुण्डन कार्य एवं यज्ञोपवीत संस्कार नहीं किया जाता। शिक्षा आरंभ, नया व्यवसाय, दुकान, मकान आदि नहीं होते। अगर हम श्रीमद्भागवत पुराण कथा, हरिवंश पुराण, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, मंदिर निर्माण आदि करना चाहते हैं तो वह भी शास्त्रों के अनुसार वर्जित माने जाते हैं। अर्थात हम यह नहीं कर सकते हैं। नित्य नामैतिक कार्य को छोड़ कर अन्य शुभ कार्य शुक्र अस्त में नहीं कर सकते हैं। इसलिए शुक्र अस्त का प्रत्येक शुभ कार्य में विचार किया जाता है। अगर हम बिना शास्त्र आज्ञा से यह शुभ कार्य करते हैं तो इस में नाना प्रकार के विघ्न उत्पन्न हो सकतें हैं प्रायः हमे हानि का सामना करना पड़ता हैं। बाद में पछताने से अच्छा है कि हम पहले ही शास्त्रों की आज्ञा का अनुसरण करते हुए इन बातों पर ध्यान केंद्रित करें तो जीवन सुखमय व्यतीत होगा।


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शुक्र अस्त में क्या कर सकते हैं:- जैसा कि हम जानते हैं कि शुक्र अस्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता फिर भी शास्त्रों ने कुछ कार्य को  करने में छोट दी है जैसे कि आप के बच्चे के जन्म दिवस पर अगर आप कोई पूजा पाठ करवाना चाहते हैं तो वह निमित्त कार्य होने से आप कर सकते हैं। गंडमूल शान्ति,त्रिखल शान्ति, कार्तिक शान्ति,माता दुर्गा की उपासना, व्रत कथा, सत्यनारायण व्रत आदि कार्य संपन्न कर सकते हैं। अगर शुक्र अस्त में कोई बड़ा त्योहार आ जाए जैसे अक्षय तृतीया, दिपावली, नवरात्र, दशहरा, होली आदि तो उस में कोई पूजा पाठ करने का कोई दोष नहीं होता क्योंकि यह पर्व विशेष ( नैमितिक) कार्य कहें जातें हैं। अगर आप किसी विशेष तिथि को हर वर्ष कोई पूजा पाठ करते हैं या माता,पिता अथवा गुरुओं की आराधना, सिमरन, पूजा पाठ करते हैं तो उसे शुक्र अस्त के समय में भी करने का कोई दोष नहीं है चाहे आप उस में श्रीमद्भागवत पुराण कथा ही क्यों न करते हों वह आप बिना किसी संकोच के कर सकते हैं। घर का किराया,किराये का मकान बदलना,नये मकान में किराए पर जाना, प्रतिदिन करने वाले कार्य, ग्रहण आदि का जप एवं दान कर सकते हैं। पहले से चल रहे कार्य में अगर शुक्र अस्त हो गया तो उस कार्य को सम्पन्न करने का कोई दोष नहीं है। पुराने वाहनों को खरीदना अथवा बेचना आदि कार्य भी संपन्न कर सकते हैं। पहले से चल रहे व्रत आदि को सम्पन्न किया जा सकता है परन्तु नया व्रत आदि प्रारंभ नहीं कर सकते।

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सावधानियां:- 

१) शुक्र अस्त में किसी भी साधु संत का हृदय ना दु:खाएं ।
२) शुक्र अस्त में ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति में व्यतीत करें।
३) किसी के साथ छल कपट एवं दुर्व्यवहार न करें ।
४) नित नेम संध्या वंदन समय पर करते रहे ।
५) सूर्य नारायण को अर्घ्य एवं गाय की सेवा उत्तम फल को देने वाली है ।‌
६) व्यवहार में विनम्रता लाएं एवं बड़ों का आदर करें


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सारांश:- जब हम घर में बड़े बुजुर्गों का मान करते हैं उनका सत्कार करते हैं तो हमें प्रत्येक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है ।  इसी प्रकार जब हम शास्त्र संगत कोई कार्य करते हैं तो वह हमें शुभ फल देने वाला एवं सार्थक सिद्ध होता है ‌  शास्त्रों में वर्जित काल जैसे मलमास ,खरमास, गुरु ,शुक्र अस्त, सूर्य, चंद्र ग्रहण आदि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता अगर हम इस समय में कोई शुभ कार्य करते हैं तो निश्चय ही वह हमारे लिए हानिकारक सिद्ध होता है । बड़ी सावधानी से शास्त्रोक्त आज्ञा का पालन करना चाहिए । जैसा कि 24 अप्रैल 2024 में सुबह 5:49 पर शुक्र देव अस्त होंगे इसीलिए विवाह आदि शुभ कार्य ढाई मास के लिए वर्जित कह गए हैं । तो हमें शास्त्र की आज्ञा का पालन करते हुए 5 जुलाई तक कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए । यह उल्लेख शास्त्रों के अनुसार है आप अपने बारे में निजी जानकारी के लिए हमारे केंद्र से संपर्क कर सकते हैं ।

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