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दोस्तों होलिका दहन अपने दोषों (बुराइयों) को दूर करने के लिए किया जाता है । होलिका की आग में हम अपने दोष एवं कर्मियों का संघार करते हैं । क्योंकि इस दिन शास्त्रों के अनुसार जब प्रहलाद जी को ईश्वर आराधना से रोकने के लिए पिता हिरण्यकशिपु का प्रत्येक साधन असफल हो गया तो उन्होंने अपनी बहन सिंघिका (होलिका) को अपना सारा दुख सुना दिया होलिका ने प्रह्लाद को बहुत समझाया कि तुम भगवान का नाम छोड़कर अपने पिता का नाम जपा करो परंतु जब प्रह्लाद जी ना माने तो होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में प्रवेश किया । 8 दिन के बाद जब पूर्णिमा के दिन अग्नि शांत हुई तो होलिका जल गई और प्रह्लाद जी भगवान के नाम का स्मरण करते हुए बाहर आ गए। इसीलिए होलिका के दिन अपने अंदर के बुरे विचार एवं दोषों को शांत करने के लिए हम होलिका दहन करते हैं । अगर श्रद्धा एवं विश्वास से होलिका दहन किया जाए तो निश्चय ही व्यक्ति के दोष शांत होकर ईश्वर के प्रति प्रेम में वृद्धि होती है और व्यक्ति समाज में अच्छा मान सम्मान प्राप्त करता है ।
कब करें होलिका दहन :- दोस्तों हर साल की तरह इस साल भी होली का त्यौहार फाल्गुन की पूर्णिमा को मनाया जाएगा यद्यपि होलाष्टक 17 मार्च से लेकर 25 मार्च तक रहेगा । पूर्णमासी 25 तारीख को दोपहर 12:30 तक का रहेगी इसलिए होलिका दहन 24 तारीख को शाम को किया जाएगा । यद्यपि 24 तारीख 9:55 से रात्रि 11:13 तक भद्रा होने से होलिका दहन का निषेध किया गया है फिर भी 6:34 से 7:53 तक भद्रा की पूछ होने से होली का दहन इसी के मध्य में किया जाएगा । होलिका दहन करते समय आप ने नारायण के मंत्र का जाप करना है !
राशियों के अनुसार होलिका दहन :- शास्त्रों में उल्लेख आता है कि प्रत्येक राशि के लिए अलग-अलग फल प्राप्ति के लिए अलग-अलग वस्तुओं का प्रयोग करके हम मन वांछित फल प्राप्त कर सकते हैं जैसा कि मैंने नीचे कुछ उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए प्रत्येक राशि का वर्णन किया है कि कौन सी राशि वाले किसी वस्तु को डालने से क्या फल प्राप्त कर सकते हैं !
✵ मेष राशि वाले अपने शरीर की रक्षा के लिए सात काली मिर्च सात परिक्रमा करते हुए प्रत्येक परिक्रमा में काली मिर्च होलिका की आग में डालें तो उन्हें शारीरिक सुख की प्राप्ति होगी ।
✵ वृषभ राशि वाले मानसिक तनाव को दूर करने के लिए सफेद चंदन की लकड़ी अथवा चंदन का चूरा अगर होलिका की आग में डालते हैं तो उनकी सभी मानसिक चिंताएं दूर होगी ।
✵ मिथुन राशि वाले अपनी आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए 20-20 ग्राम चने की दाल प्रत्येक चक्र में होलिका में डालते हैं तो उन्हें आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।
✵ कर्क राशि वाले अगर अपनी वाणी को शुद्ध करना चाहते हैं तो उन्हें होलिका में 100 ग्राम सौंफ सात बार में परिक्रमा करते हुए होलिका की अग्नि में डालने से वाणी का दोष दूर होगा ।
✵ सिंह राशि वाले किसी भयानक रोग से पीड़ित हो तो 70 ग्राम जौं सात आवृत्ति में होलिका की आग में डालने से रोग से निवृत्ति हो सकती है।
✵ कन्या राशि वाले अगर किसी महासंकट में फंसे हुए हैं तो उसकी मुक्ति के लिए 49 काली मिर्च और 7 जायफल होलिका की अग्नि में सात परिक्रमाओं में डालने से बड़े से बड़े संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
✵ तुला राशि वालों की अगर किसी कारण पदोन्नति में रुकावट आ रही है तो आपको होलिका की आग में 50 ग्राम काले तिल 7 हल्दी गांठ डालने से पदोन्नति की रुकावट दूर होगी।
✵ वृश्चिक राशि वाले भाग्य उदय के लिए पीली सरसों का प्रयोग करें।
✵ धनु राशि वाले कार्य की सिद्धि के लिए चावल ,सफेद तिल का प्रयोग करें।
✵ मकर राशि वाले साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए आक की जड़, हल्दी गांठ का प्रयोग करें।
✵ कुंभ राशि वाले फजूल खर्ची से बचने के लिए मूंग दाल और काले तिल का प्रयोग करें ।
✵ मीन राशि वाले धन प्राप्त करने के लिए तिल चावल और जौं का प्रयोग करें।
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सारांश :- हम संक्षेप में कह सकते हैं कि होलिका दहन हमारे जीवन की बुराइयों का दहन है। अगर व्यक्ति अपने दिल के मैल (राग, द्वेष, ईर्ष्या, घृणा, अहंकार आदि) को नहीं त्यागता तो होलिका दहन का कोई भी मतलब नहीं है । लोगों में प्रेम की भावना उत्पन्न हो और द्वेष खत्म हो होलिका दहन का वास्तविक उद्देश्य है। इसी बात को समझने के लिए हमारे शास्त्रों में पर्व के रूप में इसे बनाया है । जो किसी के कार्य में बाधा उत्पन्न करता है और दूसरे को दुख देना चाहता है उससे मुक्ति पाने के लिए होलिका दहन किया जाता है इस प्रकार प्रहलाद जी की भक्ति में बाधा उत्पन्न करने वाली सिंधिका ( होलिका) का दहन किया जाता है । हमारा उद्देश्य किसी को भ्रमित करना नहीं अपितु मार्गदर्शन करना है। फिर भी अगर कोई शंका हो तो आप ही योग्य ब्राह्मण अथवा हमारे कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं ।